Saturday 18 February 2012

पता नहीं

एक गीत लिखने का मन है 
ढूँढ़ रही हूँ कुछ नए शब्द
जो बिलकुल अनछुए हो 
न कभी पढ़े ,ना कभी सुने हों 
मन की असीम गहराई में जा कर 
बहुत कोशिश की मोतियों से शब्द पाने की
पर नाकाम रही ,मन की असीम गहराई में 
उतरने के बाद जो संगीत सुना ,वो बिलकुल नया 
और अनसुना था,पर उन शब्दों  को कागज़ पर किस तरह 
उकेरा जायेगा ,ये बोध अभी नहीं हुआ है ,जाने कब सीख
पाऊँगी उन शब्दों को लिख पाना ,और कब बनेगा  नए शब्दों 
से सजा नया गीत,कुछ दिनों में,कुछ साल में या किसी नए जन्म 
तक प्रतीक्षा करनी पड़ेगी पता नहीं ................

(अवन्ती सिंह)